नई पुस्तकें >> स्कोर क्या हुआ ? स्कोर क्या हुआ ?प्रवीण कुमार झा
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"गाँवों से स्टेडियम तक : भारत में क्रिकेट के उदय की महाकथा"
क्रिकेट को भारत में कभी एक जुनून, तो कभी जीवनशैली का अंग, कभी धर्म कहा गया। वहीं क्रिकेट पर यह आरोप भी लगते रहे कि यह तमाशा है, पैसों का व्यापार है, और इस ‘विदेशी’ खेल ने कई भारतीय खेलों को दबा दिया। यह पुस्तक क्रिकेट के आरम्भ से तीन सदियों की कहानी कहती है, जिसने भारत की संस्कृति में इसे पिरोया। क्या यह खेल भारत के लिए स्वाभाविक था ? अगर नहीं तो इसने कैसे जन, मन, धन में पैठ बनायी ? कैसे तेज़ गेंदबाज़ों की फ़ौज बनी, कैसे विदेशी खिलाड़ी भारतीय क्लबों से आकर्षित हुए, और कैसे क्रिकेट की सत्ता का केन्द्र भारत बन गया ? क्या अन्य खेल इस यात्रा से लाभान्वित हुए या हो सकते हैं ? कब हम गिरे, कब सँभले, कब जीतते हुए हार गये, हारते हुए जीत गये ? खम्भात तट पर कुछ ग्रामीणों के कौतूहल से लेकर वानखेड़े स्टेडियम की विजयी गूँज की कहानी। बहरहाल, स्कोर क्या हुआ ?
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